[Resolved]  SpeakAsiaOnline — speakasia

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Aug 13, 2020
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आप आर्थिक स्वतंत्रता के लिए दिन रात मेहनत करते हैं लेकिन हासिल उतना नहीं हो पाता जितना आप उम्मीद करते हैं तो अब सिंगापुर की एक आॅन लाईन सर्वे कंपनी आपको उम्मीद से बढ़ कर देने वाली है। जी हां यह कोरी कल्पना नहीं बल्कि एक हकीकत है। यह कहना है प्रिंट एण्ड इलेक्ट्राॅनिक नेटवर्क समूह का। हिंदी की यह पत्रिका देश की पहली ऐसी पत्रिका है जिसने आॅन लाईन मार्केटिंग के इस कायाकल्प की पूरी इत्मीनान से समीक्षा की है। पत्रिका के मुताबिक 90 का दशक जहां सूचना क्रांति का दशक रहा वहीं 2000 से 2010 तक का वक्त नेटवर्क मार्केटिंग के नाम रहा किंतु इस दौरान इन कंपनियों ने लोगों को सपने बेचने के सिवा कोई उल्लेखनीय काम नहीं किया। लोगों को लाखों करोड़ों के ख्वाब दिखाए गए और हाथ कुछ भी नहीं आया। किंतु अब स्पीक एशिया आॅन लाईन के पदार्पण से दावा किया जा सकता है कि सर्वे व नेटवर्किंग के मिश्रण से यह कंपनी लोगों को कमाई का बेहतरीन विकल्प उपलब्ध करवाएगी। इस कंपनी की खास बात यह है कि यह कंपनी मात्र 11000 की पूंजी निवेश से आपको 4000 रूपए मासिक कमाने का अवसर देती है। कंपनी नियमों के मुताबिक आप एक लाख एक हजार तक का निवेश कर 40000 मासिक तक कमा सकते हैं। यदि आप इससे भी अधिक कमाने की इच्छा रखते हैं तो आप नेटवर्क में और भी उर्जावान लोगों को जोड़ कर अपनी आय 2, 50000 प्रतिदिन तक कर सकते हैं। रोजगार के मामले में स्पीक एशिया एक अद्भुत क्रांतिकारी परिवर्तन लेकर आई है। यह कंपनी बड़े-बडे़ औद्योगिक घरानों के लिए उनके उत्पाद की गुणवत्ता, उपभोक्ताओं की उनके उत्पाद के प्रति राय, उत्पाद के प्रति नजरिया व सुझाव जानने के लिए सर्वे का आयोजन करती है। हमारे देश में कंपनियां इस मद पर 7000 करोड़ से अधिक धन प्रति साल इस मद पर खर्च करती हैं। स्पीक एशिया अब तक देश की 800 से अधिक कंपनियों के लिए सर्वे आयोजित करने का अनुबंध हासिल कर चुकी है।
परंपरागत सर्वे व स्पीक एशिया के सर्वे में अंतर:
अब इससे पहले कि हम स्पीक एशिया के काम करने के तरीके पर नज़र डालें पहले हम अब तक हमारे देश में सर्वे के परंपरागत तरीकों को समझ लेते हैं। दरअसल अब तक हमारे देश में सर्वे का कार्य पीआर कम्पनियां आयोजित करती रही हैं। यह कंपनियां सर्वे करवाने की इच्छुक कंपनियों से कांट्रेक्ट हासिल कर अपना नेटवर्क गठित करती हैं। जिसमें मैनेजर से लेकर मार्केटिंग एग्जुकेटिव व सर्वेयर तक का भारी भरकम स्टाॅफ जिनकी संख्या हजारों में होती थी, कंपनी तैनात करती थी। कंपनी के एग्जूकेटिव एक फार्म भरवाने के लिए जनता के बीच पेट्रोल पंप, माॅल व शाॅपिंग सैंटर पहुंच कर जनता की राय जानने का यत्न करते थे। अमूमन लोग अपनी सही राय दिए बगैर इनसे पल्लू छुड़ाना चहते हैं । सर्वेयर को अपना काम इसलिए पूरा करना ही होता क्योंकि यदि वह काम नहीं करेगा तो उसे उसकी एवज में पैसे नहीं मिल पाएंेगे। इसी लिए वह घर बैठ कर टेलीफोन डायरैक्टरी से ग्राहकों के नाम व फोन नं. लेकर मनमाने जवाब भर कर कंपनियों के सुपुर्द कर देते हैं। यहां भी इन फार्मो से प्राप्त आंकड़ों को डाटा एंट्री आपरेटर उतने ही अनमने ढंग से लापरवाही से कंप्यूटर में फीड करता है जितने अनमने ढ़ंग से वे हासिल किए जाते हैं। इसके बाद स्टैटिकल विंग भी अनमने ढंग से इससे आंकड़े तैयार करता है जो कंपनियों के सुपुर्द कर दिए जाते हैं और कंपनियां इन फर्जी आंकड़ों के आधार पर बड़े-बड़े निर्णय ले बैठती हैं जो कंपनियों की तवाही का कारण बनती हैं। गलत सर्वे के कारण कई कंपनियां डूब गई, कई औद्योगिक घराने बर्वाद हो गए और कई पूंजीपतियों ने दिवालिया होकर आत्महत्या कर ली।
स्पीक एशिया ने बदला परिदृश्य:
स्पीक एशिया आॅन लाईन सर्वे ने विश्व का सर्वाधिक विश्वसनीय सर्वे माध्यम विकसित किया है। यह कंपनी बिना किसी बिचैलिए के सीधे जनता से सवाल पूछती है। एक साॅफ्टवियर के माध्यम से इस कार्य को अंजाम दिया जाता है जिससे जनता की राय बिना किसी छेड़-छाड़ के सीधे कंपनी तक 100 फीसदी सही पहुंचती है। तथा कंपनियां अपनी विस्तार योजना में इससे भरपूर मार्गदर्शन प्राप्त कर अपनी कार्यप्रणाली व उत्पाद में सुधार कर वांछित लाभ अर्जित करती हैं। स्पीक एशिया ने भारत के उभरते बाजार में सर्वे का यह सशक्त माध्यम उपलब्ध करवा कर सर्वे का पैसा सीधे उस व्यक्ति तक पहुंचाने का मार्ग दिया है जो अपनी राय कंपनी को प्रदान कर रहा है। स्पीक एशिया के इस नेटवर्क से जुड़ कर कोई भी व्यक्ति 4000 से 40000 तक प्रतिमाह घर बैठे आॅन लाईन सर्वे भर कर कमा सकता है। इसके अतिरिक्त आप अपनी आय प्रतिदिन 2, 50000 से अधिक तक पहुंचा सकते हैं। यकीन मानिए यह तरीका बेहद सरल, कानूनन वैद्य व पूरी तरह विश्वसनीय है। स्पीक एशिया से जुड़ने के लिए संपर्क करेंः गोपाल शर्मा: [protected]
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IF YOU ARE TRYING TO LOOT INDIANS THEN STOP LOOTING INDIANS - BEWARE INDIANS:

I THINK SOME OF THE INDIAN POLITICIANS ARE ALSO INVOLVED IN SUCH SCAM. THE REASON I FEEL ITS A SCAMS ARE AS BELOW:

1) THE DOMAIN speakasiaonline.com IS BOOKED ON FOLLOWING NAME AND ADDRESS:
Speakasia Online Pte. Ltd.

71 Bukit Batok Crescent #10-08 Prestige
Singapore, 658071
Singapore

2) SOME OF THEIR AGENTS / MEMBERS CLAIM THAT IT IS 5 YEARS OLD COMPANY, WELL BUT THE DOMAIN WAS BOOKED ON 21ST JANUARY 2010. FOLLOWING ARE THE DETAILS ON GODADDY.
Domain Name: SPEAKASIAONLINE.COM
Created on: 21-Jan-10
Expires on: 21-Jan-13
Last Updated on: 06-Nov-10

3)TECHNICALLY - DESPITE INDIA HAVING SO MANY BPOS, KPOS AND RESEARCH COMPANIES, WHY WOULD INDIAN CORPORATES WOULD GIVE THEIR SURVEY CONTRACTS TO SINGAPORE BASED COMPANY.

4) RIGHT NOW NEW MEMEBERS WOULD BE HAPPY - AS I FEEL THE SAME LIKE MOST OF THE MLMS WOULD BE DOING - "ISKI TOPI USKE SAR AUR USKIE TOPI KISI AUR KE SAR" - WHEN THEY GET FEDUP PLAYING THIS TRICK, THEY WILL DISAPPEAR.

5) THE ADDRESS USED WHILE BOOKING THIS DOMAIN IS AS BELOW:
71 Bukit Batok Crescent #10-08 Prestige
Singapore, 658071
Singapore
BUT WHEN I DID GOOGLE MAPPING - THE SAME ADDRESS APPEARED IN THE RESULT AND USED BY OTHER WEBSITE http://www.dce-sg.com/ (SEE CONTACT US PAGE)

YOU CAN EVEN PASTE THIS ADDRESS IN GOOGLE SEARCH AND YOU GET THE SAME WEBSITE EITHER 1ST OF SECOND POSITION

6) NEWS MEDIA - WONT OPPOSE - AS THEY ARE HAPPY WITH WHAT THEY ARE BEING PAID FOR - SHOWING THEIR ADVERTS AND PRESS RELEASES.

7) ADDING ONE MORE POINT - NOW THEY HAVE DIFFERENT ADDRESS ON THEIR WEBSITE CONTACT US PAGE:

10 Ubi Crescent, #07-68, Ubi Techpark,
Singapore 408564

AND THE DOMAIN BOOKED ADDRESS IS

71 Bukit Batok Crescent #10-08 Prestige
Singapore, 658071

WHY BOTH ARE DIFFERENT?

THE MOST FOREMOST REASON - WHY CANT SUCH SURVEYS BE HANDLED BY BIG BRANDS LIKE HCL, INFOSYS, RELIANCE, TATA WHO HAS THE LARGEST NETWORK AND STRONG PRESENCE IN INDIA. I THINK THE COMPANY WOULD TAKE 1000 FROM YOU AND DISTRIBUTE 750 TO THEIR MEMEBERS. SO ITS PURLY MLM AND SOMETHING THAT IS BANNED IN THE COUNTRY.

BY THE TIME YOU REALISE - THEY WOULD RUN AWAY BRIBING SOME POLITICIANS.

HAS ANYONE BEEN TO THEIR SINGAPORE OFFICE? I WOULD BE WONDERED IF THERE IS ONE.

ITS MY OPINION - ITS A FREE COUNTRY AIN'T IT :)

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