*23 खेलों को नहीं हटाया गया।*
ये कथाकथित कथन पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ के नोटिस दिंनाक[protected] को आधार बनाकर खिलाड़ीयों में झुंठी अफवाहें फैलाई जा रही है कि 23 खेलों को इंटर यूनिवर्सिटी गेम्स की सुची से निकल दिया गया है।
आल इंडिया युनिवर्सिटी असोसिएशन ने अभी तक कोई भी ऐसी जानकारी नहीं दी है।
AIU games Calander 2018 की सुची सभी खेल शामिल हैं।
ऐसा भी नहीं है कि युनिवर्सिटीया सिर्फ ओलम्पिक खेलों को ही आयोजित करे।
पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ का यह नोटिस उस से एफीलिएट कालेजों के लिए है। उस नोटिस का ग़लत इस्तेमाल अफवाह फ़ैलाने के लिए किया जा रहा है।
आप को पता होना चाहिए Bridge and soft ball games की टीम अभी एशियन गेम्स में जकार्ता इंडोनेशिया में गई है
Baseball को अभी हाल में 2020 के लिए जापान ओलम्पिक खेलों में शामिल किया है।
ये खेल भी पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ की निकाली गई सुची में है।
इस नोटिस का उद्देश्य मक्का ट्राफी के लिए है। इस सुची में शामिल खेलों के नम्बर मक्का ट्राफी जीतने के लिए नहीं शामिल होंगे।
मक्का ट्राफी की दौड़ में पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़, गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी अम्रतसर और पंजाबी विश्वविद्यालय पटियाला सबसे आगे हैं।
पिछले आठ सालों से पंजाबी विश्वविद्यालय पटियाला मक्का ट्राफी जीती है इस से नाखुश होकर अम्रतसर और चंडीगढ़ विश्वविद्यालयों ने खेल मंत्रालय में साठ गांठ कर पिछले साल एक कमेटी गठित करा ली और उस कमेटी से रिकमेंड कराया कि मक्का ट्राफी में नेशनल मेडलिस्ट खिलाड़ियों के अंक समलित नही किए जाने चाहिए। जबकि खेल मंत्रालय ने गठित कमेटी को आदेश दिया था कि वह राष्ट्रीय खेल संघों से सलाह मशविरा लेकर सरकार को कमेटी कि अपनी राय प्रस्थावित करें। लेकिन कमेटी ने किसी भी राष्ट्रीय खेल संघों से कोई सम्पर्क नहीं किया और मक्का ट्राफी के लिए राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता के अकं हटाने का प्रस्ताव सीधे भारत सरकार को भेज दिया।
खेल मंत्रालय ने इसे मंजूरी दी।
और आदेश दिया कि वर्ष 2018-19 में मक्का ट्राफी में सिर्फ इंटरनैशनल मैडलिस्ट ओलम्पिक खेलों व एशियन गेम्स कामनवेल्थ गेम्स के ही अंक मक्का ट्राफी जीतने के लिए जोड़े जाने है।
*प्यारे खिलाड़ियों।* आपको यह समझ कर दुःख होगा कि कुछ युनिवर्सिटी ने अपने स्वार्थ के लिए लाखों नैशनल व राज्य स्तरीय मैडलिस्ट खिलाड़ियों
का नुक्सान कर दिया है।
*नुकसान कैसे हुआ* आप किसी भी खेल के नैशनल या राज्य स्तरीय खिलाड़ी हो चाहे वो खेल ओलम्पिक या एशियन गेम्स का हो या नहीं हो।
अब आपको युनिवर्सिटी वाले ऐडमिशन नहीं देंगे। आपको नैशनल में मैडल जीतने पर स्कोलरशिप भी नहीं देगी आपको किसी भी राष्ट्रीय खेल में भाग लेने को किट भी नहीं मिलेगी।
जब तक आप इंटरनेशनल, ओलम्पिक, एशियन गेम्स या किमनवेलथ गेम्स मैडलिस्ट नहीं बन जाते हैं?
करोड़ो युवाओ कि दौड़ में हर खिलाड़ी ओलंपिक तक नहीं पहुंच पाता है ।
लेकिन लाखो खिलाड़ी हर वर्ष किसी भी खेल में नैशनल चेम्पियन या राज्य चेम्पियन बन कर युनिवर्सिटी से किसी न किसी रूप में लाभ ले रहे थे।
जो कि अब भारत सरकार खेल मंत्रालय के आदेश दिनांक[protected] आदेश सं़ FNo.4-16/2016-SP-IV के बाद सभी खिलाड़ी इस तरह के लाभ से वंचित रह जाऐ गे।
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