Address: Gautam Buddh Nagar, Uttar Pradesh, 201310 |
उत्तर प्रदेश में ग्रेटर नॉएडा की एक अलग पहचान है. यह पहचान यहाँ की साफ़ और चौड़ी सड़कों, हरे भरे पेड़ और बहुत अच्छी व्यवस्था से बनाई गयी बस्तियां और बाज़ार की वजह से है.
लेकिन पिछले एक साल में यहाँ की सड़कों का बुरा हाल हो चुका है. अधिकतर सड़कें बुरी तरह से टूट चुकी है जिससे वाहन चलाने में दुर्घटना की पूरी संभावना रहती है और वाहन को भी बहुत नुक्सान होता है. पिछले कई सालों से यहाँ की सड़कों पर हम सबको बहुत गर्व था. किस कारण इन सड़कों की कोइ मरम्मत नहीं हुई है ये किसी को पता नहीं है. सड़कों का इतना बुरा हाल कैसे होने दिया गया ये आश्चर्य की बात है.
वाहन चालक ज़्यादातर बहुत तेज़ वाहन चलाते हैं. उल्टी तरफ से भी बहुत तेज़ रफ़्तार पर वाहन को चलाना आम बात हो गईं है. स्कूटर और मोटर साइकिल वाले भी बिना हेलमेट के बहुत तेज़ और उल्टी दिशा में चलते हैं. किसी को भी क़ानून का कोई भी डर नहीं दिखाई देता.
परी चौक जो यहाँ की एक बहुत अच्छी पहचान थी आज एक वास्तव में नरक द्वार बन कर रह गयी है. हर समय यहाँ पर जाम देखने को मिलता है. ये जाम तब ही नहीं रहता जब पुलिस रहती है. लेकिन पुलिस भी सिर्फ कुछ समय के लिए ही रहती है. परी चौक से निकलना और आना बहुत ही कष्टदायक और डराने वाला हो गया है.
कॉलोनी में पब्लिक पार्कों का हाल भी बद से बदतर हो गया है. कई पार्कों में पेड़ और घास सूख गयी है, रेलिंग को तोड़ दिया गया है. कई बार शाम को असामाजिक तत्त्व खुले आम मदिरा पान करते दिखाई देते हैं.
सड़कों के बीच में जो हरी पट्टी की व्यवस्था है उसमें गाय भैस चरती नज़र आती हैं. गाय और भैस चराने वाला भी बिना किसी डर के साथ दिखाई देता है. किसी को न तो स्वछता का ध्यान है ना ही कानून का. हर बार नए पेड़ और घास लगाई जाती है और कुछ दिनों में ये जानवर सब चर जाते हैं. राज्य का कितना पैसा बर्बाद होता है ये आंकलन मुश्किल नहीं. दुःख इस बात का है कि ये सब पुलिस की पैट्रोल वाहन की मौजूदगी में होता है.
ग्रेटर नॉएडा में बहुत सुन्दर बाज़ार बनाये गये थे जिनका हाल अब बहुत दयनीय हो चुका है. चारो तरफ पान की पीक और गन्दगी दिखाई देती है. दुकानों के सामने कूड़ा बिखरा रहता है. दुकानदारों ने अवैध कब्ज़ा भी कर के सामने के रस्ते को भी बंद कर दिया है. बिजली के तारों का गुच्छा हर जगह नज़र आता है. बाजार के चारो तरफ जो लाइट्स लगाई गईं थी वो ज़्यादातर टूट चुकी हैं और काम नहीं करती.
एक आम आदमी यहाँ पर डर के रहता है. किस समय और कब कोइ लूट ले इसका पता नहीं है. पुलिस पैट्रोल का भी कोई डर नहीं है.
क़ानून का डर ना होना और ट्रैफिक की अनुशाशनशीलता यहां की छवि को ख़राब कर रहा है.
इस तरह की छवि के साथ हम किस प्रकार ग्रेटर नॉएडा को स्मार्ट सिटी बनायेगें...कोइ भी यहाँ किसी भी प्रकार का निवेश क्योँ करेगा. हम सब बहुत बड़े बड़े दावे तो करना चाहतें हैं पर वास्तविकता से आखें क्यों बंद रखना चाहते हैं?
ग्रेटर नॉएडा के पास सूरजपुर में एक प्राक्रतिक जल स्थल है जहाँ पर एक पक्षी विहार बना है. हर वर्ष यहाँ कई प्रजातयों के पक्षी यहां आतें हैं. लेकिन इस जगह को किसी भी तरह से विकसित नहीं करा गया है. इसके आस पास आवासीय निर्माण गतिविधि आरम्भ हो गईं है; ये कार्यविधि वैधानिक है की नहीं ये नहीं पता पर किसी भी पक्षी विहार के समीप आवासीय योजना नहीं होती. इस स्थल को अगर सही तहर से विकसित किया जाये तो बहुत बड़े पैमाने पर राजस्व का स्रोत्र हो सकता है.
मैं एक वरिष्ठ नागरिक हूँ और भारतीय वायु सेना से ऊंचे पद से रिटायर हुआ हूँ. मुझे पूरी आशा है आप समय निकल कर उचित कार्यवाही के आदेश देंगे. समय रहते ग्रेटर नॉएडा को फिर से वही छवि मिल जाये इससे अच्छा क्या हो सकता है.
धन्यवाद,
भवदीय,
एयर कमोडोर ऐस ऐस सक्सेना, विशिष्ट सेवा मैडल
०८ मार्च २०१८
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