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व्यापम घोटाला से कम नहीं करती थी इंदिरा श्रीवास घोटाला रोजाना का नियम था[protected]
अलग से कमाने का तरीका नगद भुगतान करकर और चेक से भी देखिये आपको पूरी कहानी बताती हूँ
मेरा नाम श्रीमती शीला खुल्लर है निवासी गोरखपुर जबलपुर है मेरा डाक विभाग जबलपुर में पिछले नौ महीनो से केस चल रहा है लेकिन डाक विभाग उसकी जाच करने में पूरी लीपा पोती कर रहा है जबकि विभाग को पूरा पता है की इंदिरा श्रीवास एक फ्रॉड औरत है फिर भी डाक विभाग के उच्च अधिकारी का इंतज़ाम कर देती है इंदिरा श्रीवास तो वो केस की जाच में अनदेखी करते जा रहे है जबकि उच्च अधिकारी को यह नहीं पता की इस बार पाला किस से पड़ा है जबकि आज तक पाँच बार चार्जशीट मिलने के बाद भी नौकरी से बच जाना बहुत बड़ी बात है इसी से समज जाएये की कितना भरस्ट है डाक विभाग में की आज तक डिसमिस नहीं किया गया
मैंने अपने केस की शिकायत २०१० और २०११ में की थी पर मुझे डाक विभाग जबलपुर ने कुछ नहीं समजा
सोचा की बुढ़िया है थक जाएगी कितनी बेइमानी भरी हुई है डाक विभाग जबलपुर में
मुझे जवाब दे दिया की आपको नगद भुगतान कर दिया गया है अब कुछ नहीं हो सकता
मेरे केस की जाच जुलाई 2016 में हुई मेरे केस में निरक्षक विजय दुबे ने पूरा साथ दिया इंदिरा श्रीवास का
फिर मेरा बेटा हैदराबाद से 2016 में आया उसको मैंने अपनी पूरी कहानी बताई फिर मेरे बेटे ने डाक प्रवर अधीक्षक जबलपुर को शिकायत की मेरे mis खाता नंबर 38102 का भुगतान नहीं हुआ मेरी शिकायत का नतीजा 15 दिनों में आ गया की श्रीमती शीला खुल्लर को नगद भुगतान हो चूका है फिर मेरे बेटे ने कहा जब नियम ही नहीं था 20000/- के ऊपर नगद देने का फिर पोस्ट मास्टर इंदिरा श्रीवास ने कैसे दे दिया प्रवर अधीक्षक ने कहा नगद भुगतान के सम्बन्ध में पोस्ट मास्टर इंदिरा श्रीवास को विभाग के नियमो का उलगन के आरोप में 16 नंबर की चार्जशीट दे रहे है फिर मैंने कहा हमारे पैसे का क्या होगा जवाब में प्रवर अधीक्षक ने जवाब दिया इसमें अब हम कुछ नहीं कर सकते आप इंदिरा श्रीवास के खिलाफ पुलिस में कंप्लेन कर सकते है
मेरे केस की जाच जुलाई 2016 में हुई मेरे केस में निरक्षक विजय दुबे ने पूरा साथ दिया इंदिरा श्रीवास का
मेरे केस की जाच जुलाई 2016 में हुई मेरे केस में डाक विभाग जबलपुर के निरक्षक विजय दुबे ने पूरा साथ दिया इंदिरा श्रीवास का कैसे प्रवर अधीक्षक जबलपुर के सामने करते है विजय दुबे फ्रॉड इसका मतलब साफ़ साफ़ की अपने सीनियर को कुछ नहीं समझते है विजय दुबे क्यों की इंदिरा श्रीवास भर देती है विजय दुबे की जेब पैसो से
जुलाई माह की जाच में विजय दुबे एक शपत पत्र देते है उसमे गवाह एक ही नरेश उपाध्य और के पेपर देते है उसमे दो गवाह नरेश उपाधयाय और देलन यादव इसके बाद मुझे मेरा पैसा नहीं मिला तो मैंने अपनी शिकायत dpg नई देल्ही को की वहा से जवाब आया की जाच पौंआ की जा रही देखिये इस बार भी जाच निरीक्षक विजय दुबे ने की
इस बार की जाच में एक शपत पत्र पर उसमे गवाह एक से दो हो गए नरेश उपाध्य दूसरा जसपाल आहूजा
और तीसरा देलन यादव यह जो तीसरा गवाह था उसको निरीक्षक विजय दुबे ने इसलिए छुपाया था क्यों की वो इंदिरा श्रीवास के पक्ष में नहीं था इसलिए उसका नाम पहली जाच में काटा गया था उन्होंने सोचा था अब जाच दोबारा नहीं होगी पर मुझे dpg नई देल्ही अनंत कुमार साहब का सहारा मिला और फिर जाच हुई उसमे नए गवाह ने अपने स्टेटमेंट में कहा की इंदिरा श्रीवास ने शीला खुल्लर को कोई नगद भुगतान नहीं किया मुझसे भी दोखे से सिग्नेचर करवा लिए की माता जी की पास बुक गम हो गए है इसलिए जसपाल आहूजा तेरे सिग्नेचर ले रही हूँ
निरक्षक विजय दुबे ले जो शपत पत्र दिया था पहले उसमे जसपाल आहूजा का नाम काटा था मेरे पास आज भी प्रवर प्रवर अधीक्षक जबलपुर के सिग्नेचर करा हुआ शपत पत्र है है जिसमे जसपाल आहूजा का नाम काट दिया गया था
इसके बाद मेरे और भी खाते थे उसकी कंप्लेन मैंने प्रवर अधीक्षक को दी की मुझे इन चार खातों का ब्याज नहीं मिला है मुझे निकासी फॉर्म दिखाए जाये डाक विभाग ने जवाब दिया की निकासी फॉर्म तो नहीं मिल पाएंगे फिर मैंने कहा मुझे लॉन्ग बुक दिखाई जाई जिसमे की मैं ब्याज देख सकू किन किन तारिक को ब्याज दिया है
दिसम्बर महीने में और मेरे बेटे ने एक ऐसे चीज़ पकड़ ली लॉन्ग बुक में इंदिरा श्रीवास के कार्यकाल के दौरान की यह फ्रॉड एक के साथ नहीं करती थी पता नहीं कितनो के साथ करती आ रही है वो कैसे
विभाग का एक नियम 2008 में निकला था की 20000/- के ऊपर चेक से भुगतान करना होगा क्यों की मेरे केस में इंदिरा श्रीवास को16 नंबर की चार्जशीट इसी बात में मिली थी की उक्त सम्बन्ध में विभागीय नियमो की अवहेलना के लिए कु.इंद्रा श्रीवास डाक सहायक प्रधानडाकघर जबलपुर दिनांक 25.10.2016 के विरुद्ध केन्द्रीय सिविल सेवा (नियंत्रण, वर्गीकरण और अपील) के अंतर्गत कार्यवाही करने का प्रस्ताव के तहत नियम 16 के अंतर्गत एक वेतन वृद्धि अगले 3 साल तक बिना संचयी प्रभाव के रोकने का दंड दिया गया है i
मेरे बेटे ने 2008 से 2011 तक 500 खातों में २००००/- के ऊपर के नगद भुगतान के खाते पकड़ लिए लॉन्ग बुक में
जो नियम सरकार ने निकाला उसमे पूरी की पूरी अनदेखी करके काम किया जा रहा था इंदिरा श्रीवास नगद क्यों देती थी जबकि नियम २००००/- के ऊपर चेक का था क्यों की विभाग से कुछ और पैसा लेती थी और डिपोसिटर को कुछ और देती थी ब्लेंक विथड्रावल फॉर्म में सिग्नेचर करवा लेने और कहना की कल आकर पैसे ले जाना
क्या डाक विभाग अब इंदिरा श्रीवास को 500 चार्जशीट देगा
और एक चीज़ और जाच की जाये की जो चेक से भुगतान देती थी इंदिरा श्रीवास वो पूरा मूल्य और ब्याज का एक ही चेक देती थी की मूल्य का चेक मंगवाती थी और ब्याज का पैसा नगद देती थी वो भी नियम के विरुद्ध काम करती थी इंदिरा श्रीवास क्यों की कई ऐसे खाते होते है क्यों अधिकतर खातेदारक को यह पता नहीं होता की mis पूरे छे साल चलाने में 5% अलग से बोनस भी मिलता है यह बोनस इंदिरा श्रीवास पूरा अंदर कर लेती थी क्यों की कोई जाच करने वाला ही नहीं है sbco विभाग में सब मिले हुए थे अगर नहीं मिले हुए होते तो यह काम ही नहीं होता इतना लंबा फ्रॉड जो इंदिरा श्रीवास करती आ रही है
मेरा pmg इंदौर डाक विभाग जी से निवेदन है की आप मेरी सहायता करे और भगवान् जी से डरे क्यों की पाप कभी नही छुपता जो मैं सहायता आप से चाहती हूँ वो इस प्रकार है
१.जुलाई 2008 से 2012 तक यह जाच कराई जाय की कितने नगद भुगतान इंदिरा श्रीवास ने mis खातों में 20000/- के ऊपर किये है
२.जो चेक से पेमेंट किये है 2008 से 2012 तक क्या उसमे भी मूल्य का पैसा चेक से दिया है और ब्याज का पैसा नगद दिया है (क्यों की जिस जिस में चेक से भुगतान करती थी उसमे भी ये काम किया करती थी पैसे अलग से कमाने का तरीका)
श्रीमती शीला खुल्लर
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