Address: Dehradun, Uttarakhand, 248001 |
सेवा में
Chief manager,
Karnataka bank ltd.,
Customer service & grievance redressal cell,
Head office, mahaveera circle, kankanady,
Mangaluru - 575 002
Karnataka state.
विषय – बैंक मेनेजर तथा उनके सहयोगी द्वारा उत्पीड़न करने हेतु शिकायत पत्र
निवेदन इस प्रकार से है की प्रार्थीनी का मुद्रा लोन के अंतर्गत २ लाख रु० की o d limit अकाउंट (खाता सं० [protected]) कर्नाटका बैंक में की देहरादून केंट रोड उत्तराखंड शाखा में है i
प्रार्थीनी लगभग २ वर्ष से बैंक के साथ जुडा है परन्तु पिछले साल से प्रार्थीनी को बैंक मेनेजर सोनम व् उनके सहयोगी अरुण द्वारा प्रताडीत किया जा रहा है जिनसे परेशान हो कर प्रार्थीनी आपसे शिकायत करने को मजबूर हो गयी है जोकी निम्नलिखित है –
1. बैंक मेनेजर सोनम व् सहयोगी अरुण द्वारा एक ही लिमिट रिनुय करने के लिए प्रार्थीनी से 4 बार दस्तावेज मंगवाए गए प्रार्थीनी ने मई 2017 में दस्तावेज दिए उस समय कहा गया की ये सब ठीक है उसके बाद सितम्बर 2017 में फिर से कुछ कागजात लाने को कहा जाता है प्रार्थीनी वो भी देती है उसके बाद नवम्बर 2017 में प्रार्थी को कहा जाता है की उसके कुछ और कागजात चाहिए और बेलेनशीट में कमी है फिर से बनवानी पड़ेगी प्रार्थीनी ने वो भी फिर से करवा के दी उसके बाद फरवरी 2018 में फिर से कुछ कागज मंगवाए जो प्रार्थी ने फिर से मुहैया करवाए i प्रार्थीनी ये जानना चाहती है की एक लिमिट के लिए कितनी बार कागज देने पड़ते है i
2. बैंक मेनेजर सोनम व् सहयोगी अरुण बार बार फोन करके प्रार्थीनी को परेशान करते है क्या बैंक कर्मचारी को इतना हक़ है की वो रात के समय या जिस दिन बैंक का अवकाश हो उस दिन भी प्रार्थीनी को फोन करे तथा परेशान करे कई बार फोन रात को काफी देर से किया जाता है जिससे मुझे काफी असुविधा होती है तथा इसका असर मेरी शादीशुदा जिन्दगी पर भी पड़ने लगा है मेरे घरवाले पूछते है की इस समय किसका फोन आता है और अगर उनका फोन न उठाया जाये या फोन ना करने को कहा जाता है तो बैंक मनेजर सोनम व् सहयोगी अरुण धमकी देते है कि लिमिट बंद करवादो और सारी राशी जमा करवाओ या बैंक मनेजर सोनम व् सहयोगी अरुण प्रार्थी की दुकान पर आ जाते है तथा ऊँची आवाज में बात करते है तथा धमकी देते है की तुम्हारी सिविल ख़राब करवा देंगे फिर कही से लोन तो क्या अकाउंट भी नही खुलेगा i
3. बैंक मनेजर सोनम व् सहयोगी अरुण मेरे पति को एक बार बहार किसी सार्वजानिक स्थान पर मिले वो उनसे अभद्र भाषा में उनसे बात की व् उनकी बेज्जती करी जाबकी मेरे पति का मेरे द्वारा लिए गए लोन से कुछ लेना देना नहीं है तो बैंक मेनेजर व् उनके सहयोगी को किसने उनसे इस तरह का व्यवहार करने की अनुमति दी i
4. बैंक मनेजर सोनम व् सहयोगी अरुण मेरे पति से उन्होंने लिमिट ओवरडीयू के नाम पर एक बार 9000 रु० लिए तथा एक बार प्रोसेसिंग फी के नाम पर 7000 रु० मेरी दुकान पर आ के लिए जिसकी पर्ची या कोई स्लीप नहीं दी गयी है क्या बैंक मेनेजर को ये भी अधिकार है की वो इस तरह प्रार्थीनी की दुकान पर आ कर धनराशी ले जाये और वो भी तब जब बैंक का अवकाश चल रहा हो i
5. प्रार्थनी के खाता सं० [protected] में 19/03/2018 को 5400 रु० मेरे पति के नाम से जमा हुए है जबकि वो इस दिन देहरादून से बहार थे तथा बैंक गए भी नही थे तो उनके नाम से कैसे मेरे खाते में पैसे डाले गए कही ये प्रार्थनी को फ़साने के लिए कोई षड्यंत्र तो नहीं है जिसके बारे में प्रार्थनी को पता भी नहीं i
6. प्रार्थनी को बैंक मनेजर सोनम व् सहयोगी अरुण द्वारा एक 5000 रु० प्रति माह की rd खोलने के लिए भी मजबूर किया जा रहा है जो की प्रार्थनी की आर्थिक स्थिति के चलते संभव नहीं है i इसके लिए मना करने पर भी मेनेजर की तरफ से सिविल ख़राब करने की धमकी दी गयी है i
7. प्रार्थीनी इस बात से भी परेशान है की उसे बार बार बैंक क्यों बुलाया जाता है जबकि प्रार्थीनी सारे कागजात जमा करा चूकी है i बार बार बैंक जाने के लिए प्रार्थीनी को अपनी दुकान को बंद करना पड़ता है जिसका असर उसके व्यवसाय पर पड़ता है i जब प्रार्थी बैंक मेनेजर से प्रार्थना करती है की आप जो भी कागजात चाहते है मेरे पति को दे दीजिये मै हस्ताक्षर करके अपने फर्म की मोहर लगा के दे दूंगी तो बैंक मेनेजर द्वारा मना कर दिया जाता है कहा जाता है नहीं आ सकते तो लिमिट बंद करवाओ और अभी सारा पैसा जमा करवाओ i
8. प्रार्थीनी जब बैंक मेनेजर के इस तरह से व्यवहार से व् रोज नये नये कागज मंगवाए जाते है से परेशान हो गयी तो प्रार्थीनी ने मेनेजर से प्रार्थना की कि वो प्रार्थी की o d limit को टर्म लोन में बदल दे जिसकी मासिक क़िस्त 4000 रु० तक प्रार्थीनी भरने में सक्षम है तो मेनेजर ने साफ़ मना कर दिया तथा कहा की सारी धनराशी जमा करवा के इसे बंद करवाओ i अब जब प्रार्थीनी अपने लोन की धनराशी अपने व्यवसाय में लगा चुकी है तो वो एक साथ धनराशी जमा करने में असमर्थ है i
अतः आपसे अनुरोध है कि इस विषय में प्रार्थनी को न्याय दिलाने तथा उचित कार्यवाही करने की कृपा करे i अन्यथा प्रार्थीनी को अन्य कानून कायवाही करने के लिए विवश होना पड़ेगा i
धन्यवाद
प्रार्थीनी प्रीति शर्मा
खाता सं० [protected]
निवासी – 10 जाखन राजपुर रोड
देहरादून उत्तराखंड
मो० [protected]
Email – doon. [protected]@gmail.com
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