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सब कुछ धोखाधड़ी है। जो data typing work उन्होंने आपको दिया है वह वास्तविकता में मौजूद नहीं है। वे विदेशी देशों के लोगों के व्यक्तिगत विवरण उनके बैंक खाते का विवरण हमें ऑनलाइन डेटा टाइपिंग नौकरी के रूप में देते हैं। और इस प्रकार के कार्य वास्तविक में मौजूद नहीं हैं। सरल और सामान्य ज्ञान यह है कि, अन्य देश अपने नागरिकों के व्यक्तिगत विवरण और उनके खाते का विवरण किसी अन्य देश के नागरिकों को ऑनलाइन डेटा entry form filling work को भरने के लिए क्यों देंगे? हमारा भारत देश कभी भी अपनी नागरीकोंकी व्यक्तीगत विवरणे किसी अन्य देश की लोगॊंको कभी नही देगा. क्यॊंकी ये मामला सभी देश के नागरीकोंकी security का सवाल हे. ये लोग जो आपको data entry का work provide कर रहॆं हॆ वो illegal हॆ. वे कभी reality मे exist नहीं करता. ये data entry वाले लोग सिर्फ पॆसोंके लिये फर्जी agreements ऒर फर्जी वकील के जरीये नोटिस भेजके लोगॊंको डराधमकाकर लोगॊंसे पॆंसे हडप रहें हॆ. लोग उनकी बातॊंपर सच मानकर उनको पॆसाभी दे रहॆं हें क्योंकी लोगॊंको ये Fraud के बारे में कम पता हॆं. ऒर वो fraud लोग आम लोगोंको इसतरहा blackmail करते हॆ जिससे आम लोगॊंको उनकी बातॆं सच लगे ऒर फिर लोग उनको डर के मारे पॆसा भरदेते हॆ. ये उनका कामधन्दा सब Fraud हे. कोई भी इसमे ना फसे ऒर उनको पॆसे ना भरे. अगर किसीने पॆसे भरदिये हों तोह सिधा police station मॆ जाकर इन fraud लोगोंके खिलाफ FIR दर्ज करवायें. पोलिस आपको पॆसे उनसे लॊटवायेगी ऒर उनको सजा दिलवायेगी. इनसब Data entry fraud का Mastermind एक ही हॆ वो हॆ नितेश विजयकुमार खवानी जो सुरत वापी ऒर अन्य जगह सें गुजरात से ये fraud धंदा अभी भी चलवारहा हॆ.
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